विरुद्ध…
विरुद्ध…
आज देखे मैंने
उड़ते हुये कुछ बादल
और उनके बीचोबीच
नन्हा सा एक पक्षी...
बादलों के विरुद्ध
उड़ा जाता निर्भीक।
और एक हम हैं जो
बिना किसी विरोध
परिस्थिति के अनुकूल
चल पड़ते हैं अक्सर...!
आज देखे मैंने
उड़ते हुये कुछ बादल
और उनके बीचोबीच
नन्हा सा एक पक्षी...
बादलों के विरुद्ध
उड़ा जाता निर्भीक।
और एक हम हैं जो
बिना किसी विरोध
परिस्थिति के अनुकूल
चल पड़ते हैं अक्सर...!