कभी तो वक्त मेरा होगा
कभी तो वक्त मेरा होगा
घड़ी की तान पे नाचे ज़िंदगी
टिक-टिक धक-धक के बीच
समय आज अपना नहीं तो क्या हुआ
कभी तो रुख होगा इधर भी
सारे रास्ते बंद है तो क्या हुआ
कहीं कोई रोशन सितारा तो होगा
घनघोर तम में टिमटिमाते
एक जुगनू की झलक भी बहुत होगी
किस्मत का किवाड़ बंद सही
कभी तो कोई आहट होगी
देखे हुए छोटे से सुनहरे सपने की
पतझड़ का तो मौसम आना ही है
आस का कोई फूल अभी मुरझाया तो नहीं
रेगिस्तान में तपती रेत ही सही पर
मृगजल का भरम भी कोई कम तो नहीं
माना की चुनौतियों का राज है पर
बुलंद हौसलों की अधरों पर प्यास तो रही
मिलना बिछड़ना एक रीत सही
दिल में प्यार सच्चा है तो मिलेगा
चाहत का वरदान कभी
डगर सूनी हो या ना हो पता मंज़िल का
अड़ग मनसूबे का कोई विकल्प भी तो नहीं
मंदिरों में पत्थर से कुछ मिले ना मिले
श्रद्धा की लौ दिल में जलती रहे इतना काफ़ी है
कभी तो वक्त मेरा होगा॥