ज़िन्दगी क्या है ?
ज़िन्दगी क्या है ?
ए ज़िन्दगी क्या है तू
गर मानो तो सफर है ज़िन्दगी
और जो सोचो तो कहर है ज़िन्दगी
गर छू लो तो साहिल है ज़िन्दगी
और गर पा लो तो हासिल है ज़िन्दगी
जो देखो तुम तो ख्वाब है ज़िन्दगी
और न देखो तो ख़राब है ज़िन्दगी
जिसके संग तुम जीना चाहो , उसके संग गुज़रे
तो पल - पल का हिसाब है ज़िन्दगी
अगर तुम्हे फूलों से इश्क़ से है
तो महकता गुलाब है ज़िन्दगी
साथ है हमसफ़र तो
वस्ल-ए-रात है ज़िन्दगी
गर जो होठों से लगाओ
और उसे पानो चाहो
तो आरज़ू है ज़िन्दगी
दुनिया की नज़रों से देखो तो
नयी किताब है ज़िन्दगी
गर जो मेरी सुनो तो
अनकही बात है ज़िन्दगी...!