बेटी-दामाद के लिये पिताकी सहज सोच
बेटी-दामाद के लिये पिताकी सहज सोच
बेटी-दामाद को देखा तो ऐसा लगा
जैसे सपनोके गीत
जैसे अपनोकी प्रीत
जैसे जीवन संगीत
जैसे जन्मो के मीत
जैसे बारिश में हो एक भीगता जिया
हो………बेटी-दामाद को देख तो ऐसा लगा
जैसे जजबोंकी बात
जैसे खिलती प्रभात
जैसे दिलकी लगन
जैसे प्यार की अगन
जैसे खुश्बु लीये आये रबकी दुआ
हो………बेटी-दामाद को देख तो ऐसा लगा
जैसे मा जैसी सास
जैसे बेटे सा दामाद
जैसे अपनोका बल
जैसे कल उज्वल
जैसे आहिस्ता आहिस्ता रोशन शमा
हो………बेटी-दामाद को देख तो ऐसा लगा
गाने की धुन का नामः एक लडकी को देखा तो ऐसा लगा, जैसे खिलता गुलाब
फिल्म का नामः १९४२, ए लव स्टोरी (1942, A Love Story)