वक्त से बात करो
वक्त से बात करो
वक्त से बात करो, लम्हों मे जीना सीखो,
ग़म जुदाई है बहुत, ग़म को भी पीना सीखो।
दिल्लगी तुम भी करो, दिल का सौदा ना करो,
ईश्क जब तुम भी करो, दिल से पूछा ना करो।
याद लम्हों को करो, मुस्कुराते भी रहो,
मैं तुझे जान कहुं, तुम मोहब्बतभी करो।
मैं ग़ज़ल लिखता रहुँ, तुम उसे पढ़ते रहो,
नगमा चाहत मै लिखुं, याद तुम उसको करो।
चाँद मै तुझको कहूँ, सजदा चाहत का करूँ,
मै कसम देता रहूँ, तुम निभाया भी करो।
ख़ाब मै देखूँ तेरा, याद मै तुझको करूँ,
हुश्न का जलवा सनम, तुम बिखेरा भी करो।
मोम की तरह कभी, दिल पिघलता भी रहे,
जब भी तारीकी छाये, रौशनी दिलसे करो।
वक्त गुज़रता है मेरा, साथ छुटा है तेरा,
जब कभी मुझसे मिलो, बात तुम अपनी करो।