Sanjay Pathade Shesh
Tragedy
माता-पिता
अपने बच्चों का
जीवन सजा देते हैं
पता नहीं
फिर क्यों
बच्चे उन्हें
जीवन भर सजा देते हैं।
रेवड़ी
जनप्रतिनिधि
अजब दौर है
आदत
श्रद्धा बनाम ...
मोहरा
मोहरे
विश्वास
आश्वासन
हाइकू रचनायें
बाज़ आये ऐसी मोहब्बत से अच्छे थे हम इसके बिना ही ! बाज़ आये ऐसी मोहब्बत से अच्छे थे हम इसके बिना ही !
बिन प्रकृति मानव अधूरा है और बिन नारी पुरुष अधूरा है फिर भी पेड़ काटे जाते हैं और नारी का निरादर होता... बिन प्रकृति मानव अधूरा है और बिन नारी पुरुष अधूरा है फिर भी पेड़ काटे जाते हैं और...
भाई की कलाई में धागा बांधकर तुम उसकी रक्षा की मन्नत मानती हो, ऐसी कई मन्नतों के बदले में ... भाई की कलाई में धागा बांधकर तुम उसकी रक्षा की मन्नत मानती हो, ऐसी कई मन्न...
हर एक बस्ती में जैसे अब तो ये मामूल लगता है जाने कब से इन लाशों को बार बार पढ़ता हूँ हर एक बस्ती में जैसे अब तो ये मामूल लगता है जाने कब से इन लाशों ...
माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुंसक माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुं...
हर पल देखा था तुझको तो आँखों मे खुद को छोड़ गया तू हर पल सुनती थी तुझे तो कानों में... हर पल देखा था तुझको तो आँखों मे खुद को छोड़ गया तू हर पल सुनती थी तु...
बड़ी बड़ी ख़ुशियाँ जिंदगी में बहुत कम हो सकती हैं, हर रोज़ की छोटी छोटी ख़ुशियाँ बहुत मायने रखती है... बड़ी बड़ी ख़ुशियाँ जिंदगी में बहुत कम हो सकती हैं, हर रोज़ की छोटी छोटी ख़ुशिया...
जातिवादिता आज फिर एक बार मासूम को निगल गयी। जातिवादिता आज फिर एक बार मासूम को निगल गयी।
सपना था मेरा भी पढ़-लिखकर लक्ष्य को प्राप्त करने का। परंतु वह सपना, सपना ही रह गया, और मुझे बनना... सपना था मेरा भी पढ़-लिखकर लक्ष्य को प्राप्त करने का। परंतु वह सपना, सपना ही ...
पानी बिना अन्न नाही खइबा का सोना चानी। सुना हो दिलवरजानी बिना पानी बेकार ज़िंदगानी। पानी बिना अन्न नाही खइबा का सोना चानी। सुना हो दिलवरजानी बिना पानी बेक...
मैं सुसाइड के पक्ष में नहीं हूँ, उसका समर्थन भी नहीं करता हूँ, जब हालात बद से बद... मैं सुसाइड के पक्ष में नहीं हूँ, उसका समर्थन भी नहीं करता हूँ, ज...
बेचारी औरत सारी उम्र रह जाती है तरसती एक पुरुष को। बेचारी औरत सारी उम्र रह जाती है तरसती एक पुरुष को।
ये कैसा इंसान है स्वार्थ सिद्ध करने में लगा रहता है ,अपने पैर जमाकर दूसरों के पैर खींचने में लगा रहत... ये कैसा इंसान है स्वार्थ सिद्ध करने में लगा रहता है ,अपने पैर जमाकर दूसरों के पै...
हर दर्द सह कर माँ बाप पालते हैं बच्चों को, उनकी हर ख़्वाहिश का ख्याल रखते हैं ख़ुद के बारे में सोचे ब... हर दर्द सह कर माँ बाप पालते हैं बच्चों को, उनकी हर ख़्वाहिश का ख्याल रखते हैं ख़ु...
तुम्हारे लिए रोज एक दीया जलाता हूँ की कहीं तुम आ कर लौट न जाओ तुम्हारे लिए रोज एक दीया जलाता हूँ की कहीं तुम आ कर लौट न जाओ
जो कल तक था खुशियों का चमन आज गमों से भरा हूँ मैं वही इंसान हूँ ! जो कल तक था खुशियों का चमन आज गमों से भरा हूँ मैं वही इंसान हूँ !
सर पर जिम्मेदारी है, सबकी भूख मिटानी है नंगे पाँव दौड़ कर, कुछ तो ख़ुशियाँ लानी है सर पर जिम्मेदारी है, सबकी भूख मिटानी है नंगे पाँव दौड़ कर, कुछ तो ख़ुशियाँ ला...
क्या बम फोड़ता? तुझसे छुड़ाता क्या दामन बोल के झूठ तुझे अपने से दूर करता क्या क्या बम फोड़ता? तुझसे छुड़ाता क्या दामन बोल के झूठ तुझे अपने से दूर करता क्या
ज़ोर नहीं चल रहा है, आदतों पे आदमी का। बाँधने की घोर कोशिश और उलझता आदमी। ज़ोर नहीं चल रहा है, आदतों पे आदमी का। बाँधने की घोर कोशिश और उलझता आदम...
भड़काऊ भाषण भंगिमा सेनाध्यक्ष ने भी अपना लिया, हमें तो लगने लगा अपने गौरव को राजनी... भड़काऊ भाषण भंगिमा सेनाध्यक्ष ने भी अपना लिया, हमें तो लगने लगा अप...