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Indu Tiwari

Comedy

5.0  

Indu Tiwari

Comedy

चाय न पिलाई

चाय न पिलाई

1 min
673


बेहद खुश थे,

प्यारी ननद के घर जा रहे थे

सुबह जल्दी उठकर काम निपटाये,

फिर लखनऊ की बस में बैठ गए।


जाने से पहले ननदोई जी को 

फ़ोन कर दिया था

भागादौड़ी और समय की आपाधापी

के बीच लखनऊ पहुँचे।


आखिर जीजाजी लेने आ गए

और हम पहुँच गये दीदी के घर

पहले पहल बच्चे ने स्वागत किया

आगे न पूछिये फिर

कुत्ते ने भी स्वागत किया।


तब कहीं जाके ननद के दर्शन हुए

खुले हुए बालों स

मुस्काते हुए गालों से

आकर गले लगीं।


'मन' में कुछ भी हो

पर हँसती, मुस्काती कली सी खिली

पानी लाई, मिठाई लायीं

फिर दुबारा से थोड़ा मुस्कराईं

पर जनाब चाय न पिलाई।


हमारी जल्दबाज़ी की वजह से

जीजाजी ने एक प्यार भरी आवाज लगाई

अरे खाना जल्दी लगाओ भाई

इस बीच दीदी एक बार फिर

हमारे पास आई और मुस्कराईं

पर जनाब चाय न पिलाई।


खाना क्या लाज़वाब खाना था

दो सब्जी, दाल - चावल, दही

रोटी और सलाद भी था

स्वाद भी ऐसा की महीनों तक।


जुवां से न जाये

इतना सब कुछ किया

पर जनाब चाय न पिलाई।


अब क्या समय जा रहा था 

फिर से ननद थोड़ा इठलाई

हमें छोड़ने के लिए सज आई

इतने इन्तज़ार के बाद भी

पर जनाब चाय न पिलाई।


रास्ते में पहुँचे बस के इंतज़ार में

ननदोई ने गाड़ी साइड में लगाई

ननद ने अपनी ज़ुल्फें लहराई

वीवो कैमरा निकाल के

हमारे साथ सेल्फी खिंचवाई

फिर थोड़ा सा इतराई।


स्वाद ले लेके आइसक्रीम खाई

पर जनाब चाय न पिलाई।


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