मां
मां
मां हीं है,
जो दर्द और दुख में भी साथ दे,
जो हम को पहचान दे,
धूप में होकर भी ममता का छाँव दे,
जो सिर्फ स्त्री-पुरुष-प्राणी ही नहीं,
जो भगवान को भी आपके लिए ललकार दे।
मां हर उस इंसान में है,
जो हमारी बुराई का नाश कर दे,
जो हमे मातृत्व प्रेम का अहसास दे,
जिसके पास हर पल में,
हमारे लिए प्यार ही प्यार हो,
जिसके लिए खुद भगवान ने भी अवतार लिया हो।
मां शब्द है ,
जो स्वार्थ से दूर है,
जो प्रेम से भरा है,
जो देवों से भी बढ़कर है,
जो शक्ति की उदगम है,
जो भक्ति का प्रतीक है।
शब्द मेरे कम है पर अहसास बहुत ज्यादा है,
मां के लिए मेरा प्यार बहुत ज्यादा है,
ये कुछ पंक्तियां काफी नहीं है,
मां ये शब्दो में समझ सकते नहीं है।