"क"
"क"
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वर्णों का आगाज़ यह,"कर्म" की शुरुआत |
"क" से कबूतर सबने पढ़ा, अब करो "क" से कर्म की बात ||
मानस पटल बनाओ ऐसा, जैसे शिशु नवजात |
"क" से "करणी" करोगे तुम, तो होगी, "क" से "कारामात" ||
"क" से "कर" दोनों जोड़ो, करो नयी शुरुआत |
"कर्ण" सा कर्तव्य निभाओ, झुक जाये "कायनात" ||
"क" से "किताबें" बहुत पढ़ी हैं |
"क" से "किशोरावस्था" बढ़ी है ||
"क" से "करूणा" का जो तुम ले लो अब ज्ञान |
"क" से "कर्मभूमि" को होगा तुम पर अभिमान ||