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माँ-बापू

माँ-बापू

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खेत गऐ हैं लिऐ दराँती

माँ-बापू

फसलें काटेंगे ऊँची ठाड़ी

माँ-बापू

पैरों में लाऐंगे फसलें

माँ-बापू

और निकालेंगे फिर दाने

माँ-बापू

घर लाऐंगे उजले दानें

माँ-बापू

कुछ मंडी भी ले जाऐंगे

माँ-बापू

हम सबके कपड़े लाऐंगे

माँ-बापू

नऐ खिलौने भी लाऐंगे

माँ-बापू

मुझे किताबें दिलवाऐंगे

माँ-बापू

सिर सहलाकर प्यार करेंगे

माँ-बापू

मेरे तो सबसे प्यारे हैं

माँ-बापू।


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