क्या यही प्यार हैं ?
क्या यही प्यार हैं ?
ना कोई मंजिल हैं ना कोई पता
बस एक चाहत हैं दिल में लिये हुए !
ना कोई गिला शिकवा ना कोई खता
आरजू हैं उसे पाने की, क्या यही प्यार हैं ?
मोहब्बत क्या होती हैं ? दिल से पूछो यारो
वह मिलेगी अरमान हैं, राहत हैं, सुकून हैं !
एक दिन वह मिलेगी जरूर दिल कहता हैं
आरजू हैं उसे पाने की, क्या यही प्यार हैं ?
पास न होते हुए भी आहट उनके आनेकी
बेसुमार मोहब्बत हैं उन्हे पत्ता हैं भी कि नही ?
बस धुंदलीशी आशा हैं असे मिलनेकी
आरजू हैं उसे पाने की, क्या यही प्यार हैं ?
कैसे समझावू उसे ? जानेवाले कभी लौटके नही आते
पंछी घौसला तो बनाते हैं मगर बेमौसम बदल जाते हैं !
गुजरा हुआ पल फीर से नही आता,
टूट हुआ दिल नही लुभाता
क्या करें ? पगला दिल हैं कि मानता हि नही !
इंतजार- इंतजार सिर्फ इंतजार यह कैसा ?
कब, कैसे मिलेंगे ? किस मोडपर कौंनसे !
हो सकता मिलेंगे भी नही हम फीर से
क्या करें ? पगला दिल हैं कि मानता हि नही !