दिल जले
दिल जले
जब दिल जलता है
तो वो जल्दी ना बुझता है
जब वो जलता है
तब एक ही चीज़ सूझती है,
आत्महत्या ! आत्महत्या ! आत्महत्या !
यह काम कमज़ोर व्यक्ति करते हैं
मज़बूत व्यक्ति तो
इस आग में पकते हैं
सुराही को पकाने
और मज़बूत बनाने के लिए
हम उसे आग में जलाते हैं
भगवान भी इंसान को
मज़बूत और
उसकी खुशियाँ बढ़ाने के लिए
इंंसान को
दिल की आग से जलाता है !
जो जितनी आग सहता है
वो उससे कई ज़्यादा सुख भोगता है...।