स्वागत अभिनन्दन
स्वागत अभिनन्दन
है वंदन तुम्हारा हे अभिनन्दन
दुश्मन की धरती पर तुम न घबराए ।
सिर ऊँचा किए भारत माँ की जयकार लगाए ।।
तुम्हारे शौर्य की गाथा वो भी कहते,
दुश्मन को भी तुम घायल कर आए ।।
है स्वागत तुम्हारा हे अभिनन्दन
तुम वीर हो हमें अभिमान है तुम पर ।
तुम अडिग हो लक्ष्य पर ये भान है तुम पर ।।
तुम झुके नही तुम डटे वहीं,
तुम समूचे जग को कायल कर आए ।।
नमन तुमको कोटि है अभिनन्दन
तुम आसमान को चीर कर गए ।
दुश्मन पर अंगारे बरसाए ।।
हर हिन्दुस्तानी तुम्हारे स्वागत में खड़े,
तुम हिन्दुस्तान का मस्तक उन्नत कर आए ।।
गर्वित मन है आज हे अभिनन्दन
जब जब वीरों ने देश का मान बढ़ाया ।
तिरंगा भी आसमानी लहरों संग लहराया ।।
आसमान की ऊँचाईयों को नापने वाले तुम,
तुम तो गगन को भी जमीन पर ले आए ।।
हर्षित मन है आज हे अभिनन्दन
स्वागत अभिनन्दन....