सपनों के ताजमहल
सपनों के ताजमहल
हर बार नकारात्मक सोच से
मन क्यों कलुषित करते हो
कहो ना आज इसी वक्त
मेरी जिंदगी में सदा सुकून हो।
सपनों के ताजमहल दिन रात
क्यों हमेशा देखते रहते हो राही
करो मेहनत अपने जिंदगानी में
कभी अंतःकरण शुद्ध होगा ही।
गैरत और ईमानदारी से यहां
लाखों-करोड़ों कमाओ इज्जत सें
राहें जिंदगी की नहीं इतनी भी मुश्किल
करो अपनी शम्मा रौशन जज़्बात से।
यह जीवन आग का दरिया है
सुखा लो अपने आंखों का पानी
कुछ भरोसा तो नहीं जिंदगी की
इक दिन वह तो है आनी जानी।
कब तलक आंसू बहाओगे तुम
फ़ौलादी इरादों से बनाओ कफन
मशाल की तरह जान हथेली पर लेकर
देश के खातिर हो जाओ दफन।