तुम हो
तुम हो
नज़र मे उम्मीद, यार तुम हो,
जिगर का मेरे, करार तुुम हो ।
क्यों पर्दा चेहरे पे, आज रखा,
दीदार हसरत हज़ार, तुम हो ।
क़त्ल हुआ है तमन्ना, दिल का,
हमारा कातिल शुमार, तुम हो ।
तुम्हारी नज़रो से मैंने बोला,
हमारे दिल का खुमार तुम हो ।
अभी से दिल होश खो चुका है,
वफा का कैसा मजार तुम हो ।
कभी इनायत करम है मुझ पर,
कभी कयामत की मार तुम हो ।