चित्र कथा
चित्र कथा
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इस चित्र में मुझे,
दिखाई देती है एक कहानी।
किसी राजा और पुत्र से,
बिछड़ गई हो उसकी रानी।
पिता-पुत्र है एक जगह,
माँ की ममता से बहुत दूर।
एक जगह है नन्ही गुड़िया,
माँ की छाँव में, पर पिता से दूर।।
जाने किन हालातों में,
घर के लोग है बिखर गये।
कितना अच्छा सच हो अगर,
रानी अपने नैहर में ही हो।।