कबीर के ढाई आखर
कबीर के ढाई आखर
घड़ी में ढाई बजे हैं रात के
उजाला फैला है चांदनी का
शतरंज के खेल में
घोड़े ने ढाई कदम चलकर
मात दे दी है राजा को
सामने टी० वी० के प्रसारण को
गौर से देखो और सुनो
वह लड़की मुस्कुराती हुई कह रही है-
कबीर के ढाई आखरों ने
एक बार फिर से
तोड़ दी हैं सारी दीवारें
और जीत लिया है सारा आकाश।