क्यों ?
क्यों ?
माँ, मुझसे नाराज़ और ख़फ़ा क्यों?
तेरी परेशानी की मैं वजह क्यों ?
मेरे जन्म से पहले तो सब ठीक था,
अचानक फ़िर ये सब कुछ बदला क्यों?
मुझे हर बार, हर वक्त कोसा क्यों?
मुझे प्यार कम और फटकार ज़्यादा मिली क्यों ?
माँ, तेरे बेटे को खुला आसमान दिया क्यों?
मेरे लिये ये चार दीवारी ही लिखी क्यों?
मेरी करनी में सिर्फ गलती ही ढूंढ़ी क्यों?
अनजाने में हुई भूल की सज़ा भी मिली क्यों?
मुझसे नाराज़गी हर बार जताई क्यों ?
मेरे जज़्बातो को हर बार कुचला क्यों ?
मैं इन्सान नहीं ये अहसास कराया क्यों?
मिट्टी की गुड़िया ही समझा गया क्यों?
मेरी चुप्पी को मेरी लाचारी माना क्यों?
मेरे आँसुंओं को मेरी कमजोरी जाना क्यों?
परिवार की इज्ज़त के नाम पर मुझे बली चढ़ाया क्यों?
फिर भी, समाज ने मुझे दोषी ठहराया क्यों?
माँ, सिर्फ़ लड़की हूँ, इसलिए ये सब सहना है क्यों?
तेरे आँचल में भी मेरे लिये जगह कुछ कम है, क्यों?
माँ, मै भी तो तेरी बेटी हूँ, फिर भी
तेरे बेटे को ही इतनी अहमियत क्यों?