सेना के सम्मान में
सेना के सम्मान में
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मैं आहत हूँ सत्ता के भूखे भेड़ियों से
जो आतंकवादियों को भी 'जी' कहके पुकारते हैं
मैं आज़िज़ हूँ उन हुक्मरानों से
जो सेना की शहादत को भी चुनावी स्टंट बनाते हैं
मैं हैरां हूं भारत के इंसानों से
जो sergical strike के सबूतों को मांगते हैं
आप सब जो ये कर और बोल पा रहे
तनिक इस ओर भी सोचना कभी
जो आये दिन सेना पर ही तोहमत लगाये रहते हैं
मैं वाकिफ़ हूँ सत्ता के इन प्रेमियों से
जो धर्म और जाति के नाम पर रोटियां सेंकते हैं
कभी राम मंदिर तो कभी बाबरी
कभी नीरव, माल्या तो कभी राबड़ी
मैं सोचता हूँ राफेल पे हो रही राजनीति से
जो रक्षा से ज़्यादा रुपयों को तवज़्ज़ो देते हैं