तुम मेरी ज़िन्दगी में नहीं आते
तुम मेरी ज़िन्दगी में नहीं आते
थोड़ा बहुत जो कुछ था पास मेरे पर सच्चा था!
बहुत खुश थी मैं अपनी धुन... सितारों की तरह!
तुम आये तुफान से और मैं बहक गयी अंजाने में...
मैं प्यार कर बैठी तुझसे खुद ही उजाड़ दी मेरी निजी ज़िन्दगी!
तुम मेरी ज़िन्दगी में नहीं आते तो अच्छा था...
तहस-नहस कर गये तुम मुझे, झूठे तेरे वादे, कसमें...
मुझे क्या पता वक़्त आने पर तुम वादे से मुकर जाओगे!
आवारा हवा का झोंका हो तुम, निकला है पल दो पल के लिये...
मेरी यह गलती ज़िन्दगी भर की तन्हाई बहाल कर गई!
तुम मेरी ज़िन्दगी में नहीं आते तो अच्छा था...
सच है गुज़रा हुआ पल... फिर से लौटकर नहीं आता कभी...
सुख में कटे या दुःख में बटे जीना तो हार हाल में होगा !
मेरी ज़िन्दगी उजाड़ कर तुम खुद दुसरा घर बसा रहे हो अच्छा है...
मुझे खुशी है लेकिन... हर लड़की मैं नहीं और फिर एक जिंदगी बरबाद न हो जाए!
तुम मेरी ज़िन्दगी में नहीं आते तो अच्छा था...
हम लड़कियाँ सिर्फ एक बार किसी को चाहते हैं दिलो जान से...
जाने दो ना यार... भूल जाओ सबकुछ संभल जाओ दोस्त अभी भी वक़्त है!
लेकिन हमेशा याद रखना हर बार ज़रुरी नहीं कि लड़की मेरी जैसी ही मिलेगी...
इस ग़लतफ़हमी में मत रहना... शेर को सवा शेर मिल ही जाता है!
तुम मेरी ज़िन्दगी में नहीं आते तो अच्छा था...