संघर्ष
संघर्ष
आओ तू म्हें मैं बतलाता हूँ संघर्ष की परिभाषा को,
जूझ जूझ कर हर दिक्कत से, जितने की अभिलाषा को,
आओ तू म्हें मैं बतलाता हूँ संघर्ष की परिभाषा को।
मत डर देखने वालों से, देखने दे उन्हें इस तमाशे को,
संघर्ष खुद में है अपना एक पेशा, देखने दे इस पेशे को।
कब तक बैठेगा किस्मत के भरोसे,
संघर्ष ही तू झे नई दिशा दिखलाएगा,
क्या पायेगा तू दीये जलाकर,
संघर्ष ही तेरे जीवन में उजियारा लाएगा।
सिख ले कैसे जिंदा रख्खें, दम घुटती हुई आशा को,
आओ तू म्हें मैं बतलाता हूँ संघर्ष की परिभाषा को।
दो बूंद पसीना गिरा तो तू क्यों थक कर यूं सोता है,
जग में वो कभी कुछ पा नहीं सकता, जो अपनी हार पे रोता है,
ना हो निराश, अविनाश है तू ,
सब तोड़ दे सीमाएं, आकाश है तू ,
जब तक सिख सकता है तू , सिख ले संघर्ष की हर एक भाषा को,
आओ तू म्हें मैं बतलाता हूँ संघर्ष की परिभाषा को,
जूझ जूझ कर हर दिक्कत से, जितने की अभिलाषा को।