एक पैगाम दोस्तों के नाम
एक पैगाम दोस्तों के नाम
मेरे जितने दोस्त सब के सब अनोखे निराले
कोई कंजूस है तो कोई मखीचूस है साले।
मेरा बाईक लेके किसी ने पेट्रोल खत्म किया
तो कोई मेरी नयी शर्ट मुझसे पहले पहन लिया।
मेरे मां के भेजे केक कोई चट कर जाता
मेरी गर्लफ्रेंड के साथ कोई बड़बड़ करता।
मेरे पापा घूमने आए तो ऐसा बर्ताव है उनका
जैसे मेरे पापा से रिश्ता है उनके खून का।
खाना खाने होटल तो साथ में ही जाते
बिल के टाइम भोलेपन का नाटक करते।
ख़ामियाँ निकालने बैठो खत्म ही ना होंगे
पैदा ही हुए हैं की मुझे परेशान करके दम लेंगे।
लेकिन
दिल थाम के सुनियो कहानी में है जबरदस्त मोड़
मुझसे मेरे दोस्तों का है फेविकॉल का जोड़।
जेब में पैसे हो ना हो साथ हमेशा देते
घर से जब भी लात पड़े दोस्त ही पनाह देते।
मेरी हर खुशी हर ग़म को अपना बनाते
नो सॉरी नो थैंक्स ये बात पहले से बता देते।
मां बाप भाई बहन सब रिश्ते से दमदार बोंड
हो सकता तो व है सिर्फ और सिर्फ फ्रेण्ड ।