तनिक विचारिये
तनिक विचारिये
ऊँचा उठ कर हँसने वालों
मिट्टी तुच्छ समझने वालों
सुन लो ! भूख मिटाने खातिर
मोती नहीं चबाये जाते !
गहन अंधेरा अगर खड़ा हो
चलने में भी कष्ट बड़ा हो
ज्योति किरण पाने की खातिर
घर तो नहीं जलाये जाते !
ऊँचाई की चाह बड़ी हो
राह भले ही बहुत कड़ी हो
विजय ध्वजारोहण की खातिर
पर्वत नहीं झुकाये जाते !
प्यास कंठ को शुष्क बना दे
दिनकर सारे स्रोत सुखा दे
जल तृषा मिटाने की खातिर
आँसू नहीं पिलाये जाते !
बिना कर्म के फल की इच्छा
हृदय उजागर रखने वालों
ताज शीश रखने की खातिर
दामन नहीं बिछाये जाते !
मद में डूबे उम्र गुजारी
जब मृत्यु हो द्वार पधारी
अमर बूंद पाने की खातिर
सागर नहीं मथाये जाते !