ज़िन्दगी ....
ज़िन्दगी ....
ज़िन्दगी तो रंग बदलती रहेगी
कुछ नए रंग बना सको तो चलो।
ज़िन्दगी तो नए रंज देती रहेगी
तुम उनमें मुस्करा सको तो चलो।
ज़िन्दगी में राहें कांटे भरी रहेंगी
फिर भी क़दम बढ़ा सको तो चलो।
ज़िन्दगी में धूप की तपन सताती रहेगी
छांव के कुछ पल ढूंढ सको तो चलो।
ज़िन्दगी में ग़म के बादल घिरते रहेंगे
हर क्षण में खुशियां तलाश सको तो चलो।
ज़िन्दगी में रुलाने वाले तो मिलते रहेंगे
तुम दूसरों को हंसना सिखा सको तो चलो।
ज़िन्दगी के मोड़ पर लोग जुड़ते रहेंगे
अपनों को अपना बना सको तो चलो।
ज़िन्दगी में कुछ साथ यूं छूटते रहेंगे
फिर भी ख़ुद को संभाल सको तो चलो।
ज़िन्दगी में कुछ सपने बिखरते रहेंगे
नित नए ख्वाब बुन सको तो चलो।
ज़िन्दगी में मंज़िल तक भीड़ बढ़ती रहेगी
फिर तुम अलग राह बना सको तो चलो।
ज़िन्दगी में अंधियारे छाते रहेंगे
खुद औरों को रौशन कर सको तो चलो।
ज़िन्दगी सब बिताते हैं बिताते रहेंगे
तुम इसे खुशगवार बना सको तो चलो।।