बारात
बारात
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आज हमारे दिल की
आरजुओं की बारात आ गई।
उन यादों की बारात आ गई
उन लम्हों की याद आ गई।
चाहा तो हमने तुम्हें सदियों से था
पर आज तुम्हें पाने की बारात आ गई।
न यहाँ है कोई दूल्हा - दुल्हन
न यहाँ मौजूद है कोई बाराती।
फिर भी आज हमारे
मुरादों की बारात आ गई।
हमसे ही बने उन 'काँच के सपनों'
की बारात आ गई।