नींद नहीं आती है
नींद नहीं आती है
कोई तो है वजह की नींद नहीं आती है
कैसी है यह सजा की नींद नहीं आती है
ख्वाब तेरे पलको पर है रूके हुए
तेरी है यह अदा की नींद नहीं आती है
मौत तो बरहक है आयेगी एक दिन
अल्लाह की है रजा की नींद नहीं आती है
ज़फा पर ज़फा किये जा है तू हरदम
मेरी है पर वफा की नींद नहीं आती હૈ
सब सितम रुह पे सहे है हँसके
दिल है मगर ख़फा की नींद नहीं आती है