मेरे एहसास
मेरे एहसास
मेरे होने से ही तो तुम्हें अल्फ़ाज मिले है
मैं ना होती तो किस पर ग़ज़ल लिखते तुम
मेरी एक ना ने तुम्हें मशहूर बना दिया
तुम्हारे कोरे कागज को किताब बना दिया
आज लाखों दिलों की धड़कन हो तुम
फिर भी कहते हो, प्रिया
तुमने मुझे रास्ते का पत्थर बना दिया