कहाँ है उनको वक़्त
कहाँ है उनको वक़्त
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कहाँ है उनको वक़्त हमें याद करने के लिऐ ,
हम तो कुछ भी नहीं हैं उनके लिऐ
तमाम उम्र गुज़ार दी मैनें जिसके ख़याल में ,
वो किसी और के संग तैयार हैं उडान के लिऐ
वक़्त निकलता रहा और वो भी बदलते रहे ,
बस उसने दर्द ही बचाकर रखा था मेरे लिऐ
ख़ुशियों ने भी छोड़ दिया साथ मेरा ,
बस ग़म ही थे जिन्दगी में मेरे लिऐ
----- रमन शर्मा ।