जिंदगी
जिंदगी
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आपना ही साया कभी
देखो साथ छोड़ देता है
सच ही कहा है किसी ने
कौन किसी का होता है?....
यार तो मतलब के
दोस्त हर कोई होता है
जरूरत पड़ने पर ही
सच्चाई का पता चलता है...
उजाले में खुले आम
सर उठाकर घुमते है
रात के अंधेरो में जो
गुनाह को दफनाते है....
पल दो पल के साथ में
कोई अपना सा हो जाता है
चाहे तमाम उम्र साथ गुजारों
फिर भी अजनबी लगता है....
कहना सुनना तो यूँ ही
हरदम चलता रहता है
ठोंकरें खाकर ही जिंदगी
सदा संभाली जाती है....