ये दुष्कर्मी
ये दुष्कर्मी
ये दुष्कर्मी
दुराचारी
दरिन्दे सभी
की भीड़ मे
ही होते है ।
क्यो वासना के
ऐसे वशीभूत
हो जाते है ।
बहिन बेटी को
भूलकर ऐसी
दरिन्गी करते है ।
नर भक्षी दरिन्दे
बन जाते है ।
मासूम बहिन बेटी
अपनी आबरू बचाने
रोती है गिड़गिडाती है
चीखती है चिल्लाती है ।
इनके किये कुकृत्य के
दर्द से कराहती है ।
छटपटाती है।
मगर दरिन्दो की
हैवानियत से हारकर
वेहोश हो जाती है ।
घटना की जानकारी से
माता पिता रोते शर्मसार
होते गिड़गिड़ाते है ।
न्याय के लिये प्रशासन
शासन से गुहार लगाते है ।
आम जनता भी हो
हल्ला शोर मचाती है ।
मगर देश के अन्धे बहरे
लगड़े कानून के सामने
सब लाचार हो जाते है ।
बस तारीख पर तारीख
के चक्कर मे फसकर
छटपटाते रह जाते है ।