आज कल हालात हैं नासाज़ दिल के
आज कल हालात हैं नासाज़ दिल के
ढूंढता रहता हूँ मैं अल्फाज़ दिल के
जाने क्यों गुम हो गए अंदाज़ दिल के
रूबरू जो हो गए हो आज मुझसे
हाल-ए-दिल कर लो बयां नाराज़ दिल के
मैं तो चाहूँ ज़िंदगी में साथ तेरा
तुम न जाने कब बने हमराज़ दिल के
है इनायत ये मुहब्बत की समझ लो
यूँ नहीं मिलते किसी को ताज दिल के
भूल कर गुज़रा ज़माना यार आजा
आज कल हालात हैं नासाज़ दिल के...।
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शशिकांत शांडिले (एकांत), नागपुर
मो.९९७५९९५४५०