Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

ज़िन्दगी की डायरी से

ज़िन्दगी की डायरी से

1 min
13.9K


ज़िन्दगी के डायरी से कुछ पल चूरा लूँ,               मैं बीते हुए कल से कुछ पल चूरा लूँ

भीगे पत्तों की डाली से गुज़रे वक्त की चादर से     कुछ चादर पर पड़ी सलवटें चूरा लूँ

ज़िन्दगी के डायरी से कुछ पल चूरा लूँ

बारिश की बूंदें जो खेतों में पहली बार पड़ी थी, जिससे हंसी की किलकारी पूरे गाँव में गूँज उठी थी, मैं उस हँसी से कुछ खुशी चुरा लूँ               ज़िन्दगी की डायरी से कुछ पल चूरा लूँ

गुज़री हुई अच्छी यादें, जो दिल की संदूकों में कहीं कैद हो गयी,                                       आज उस संदूक की पोटली खोलकर खुशी के बहाने चूरा लूँ

ज़िन्दगी के डायरी से कुछ पल चूरा लूँ,               मैं बीते हुए कल से कुछ पल चूरा लूँ


Rate this content
Log in