बात तो तब बने
बात तो तब बने
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ख़्वाबों के पन्ने इस पानी से जो गल जायें
बात तो तब बने जब आँसुओं के साथ कुछ सपने भी बह जायें
यूँ जो हो तो हम कुछ दर्द और भी सह जाए।
तेरे बेवजह इल्ज़ाम इस नमकीन *आबशार में घुल जाए
बात तो तब बने जब आँसुओं से कुछ पत्थर दिल भी पिघल जायें
कुछ अकड़ कुछ अहं, इस पानी में फिसल जाए।
गीली रातों से, जो किसी रईस का गागर-ए-लोभ भर जाए
बात तो तब बने जब आँसुओं से किसी की तो प्यास बुझ जाए
यूँ जो हो तो हर ग़रीब आज थोड़ी-थोड़ी भूख और सह जाए।
तेरी कश्ती में जो अपनों ने किए वो सुराख़ भर जायें
बात तो तब बने जब आँसुओं से वो ग़लतफ़हमियाँ धुल जायें
काश कभी इस पानी से किसी की आँखें खुल जायें।
*आबशार = waterfall