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मैं मुझसे नाराज हूँ

मैं मुझसे नाराज हूँ

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अपनेपन के नकाब में छिपे

उस अजनबी की किस्से में

जाने कब मैं पहुंची;

किस्सा खत्म

अभिनय खत्म और

नकाब भी उतर चुका


मैं बेवकूफ़ कहानी को

जिन्दगी समझ

उसी किरदार में बैठी

अब तक यादों की

आंसू बहा रही हूँ


वही गलती...वही सिरा

फिर से दोहरा रही हूँ

उसे भूलने की कोशिश में

बस उसे ही जप रही हूँ


मैं मुझसे नाराज हूँ

ना समझ ना

समझा पा रही हूँ!!


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