काजल
काजल
सादगी के काजल से श्रृंगारी हैं,
उनकी आँखें बहुत ही प्यारी हैं।
बातें कर लेती वो पलकों से भी,
उनमें ऐसी अदाएं ढेर सारी हैं।
कभी-कभी मेरा दिल मुझसे ही पूछता,
क्या वो कभी हो सकती हमारी हैं।
दिल चाहता छीन लूं उनके गम,
जब भी आंसूओं से होती खारी हैं।
पहनती वो लिबाज़ जब मखमल के,
तो लगती बिल्कुल राजकुमारी हैं।
खुदा भी आमीन कह देता अशीश,
जब भी उन्होंने दुआएं पुकारी हैं।