मेरी बातों पे गौर कीजिए जरा
मेरी बातों पे गौर कीजिए जरा
मेरी बातों पे गौर कीजिए जरा
समझिए,फिर दाद दीजिए जरा।
कब तक यूँ दूसरों पे हँसा करेंगे
कोई लतीफा खुद पे लीजिए जरा।
क्या करेंगे पाकर बेमानी दौलत
चाँद पाइए और फिर खीजिए जरा।
इंसानियत क्या है,समझ जाएँगे
ताकत हाथ में हो पर पसिजिए जरा।
खुशी का मतलब पता तब चले
गमों के आँसू जब पीजिए जरा।