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Ashish Pathak

Children Stories

4  

Ashish Pathak

Children Stories

बचपन ही कितना अच्छा था

बचपन ही कितना अच्छा था

2 mins
494


बचपन का दिन ही अच्छा था,

दिल सचमुच का एक बच्चा था।

ना फिक्र किसी की होती थी,

ना मतलब से कोई रिश्ता था।

बचपन का दिन ही अच्छा था।।


यारों की अपनी मस्ती थी,

छोटी से अपनी कश्ती थी।

दिल भी ना किसी पर मरता था,

पर प्यार सभी से करता था।

जो लोग नहीं थे रिश्ते में,

उनसे भी दिल का रिश्ता था।

बचपन का दिन ही अच्छा था,

दिल सचमुच का एक बच्चा था।।


हम रात चैन से सोते थे,

रोकर ना रातें कटती थी।

दिन मस्ती में ढल जाता था,

यादों में ना दिन ढलता था।

वो बात पुरानी अच्छी थी,

बातें सारी बस मस्ती थीं।

बातों से ना कोई रोता था,

ना याद किसी के खोता था।

हम भी कितने खुश रहते थे,

दिन हँसते-हँसते कटता था।

बचपन का दिन ही अच्छा था,

दिल भी सचमुच में बच्चा था।।


कितना भी झगड़ा होता था,

पर साथ हमेशा रहते थे।

यूँ बात बात रूठकर भी,

हमसब मिलजुलकर रहते थे।

जब चोट किसी को आती थी,

बातों से मरहम करते थे।

अब चोट ही अपने देते है,

ना हाल किसी का लेते है।

दिल को एक खेल समझते है,

वो तोड़ कर दिल को हँसते है।

अब मतलब से सब रिश्ते है,

वो तोड़ तुम्हें फिर हँसते हैं।

हम छोटे ही कितने अच्छे थे,

बस झूठमूठ का रोते थे।

अब दिन भर रोया करते हैं,

यादों में खोया करते है।

वो प्यार सिखा ठुकराते है,

तुमको हर मोड़ रुलाते है।

दिल छोटे में ही सच्चा था,

हर बात में कितना अच्छा था।

बचपन का दिन ही अच्छा था,

दिल सचमुच का एक बच्चा था।।


वो खेल खिलौना का दिन भी,

हम हरदम खेला करते थे,

दिल से ना कोई मतलब था,

हम प्यार का मेला करते थे।

अब दिल से खेला जाता है,

उसे तोड़ मरोड़ा जाता है।

मतलब से सारे रिश्ते है,

जज्बात उछाला जाता है।

वो दर्द दिलों को देकर भी,

अब चैन से सोया करते है।

उनको जब कुछ भी कहते हो,

वो झूठ का रोया करते हैं।

छोटे थे सोया करते थे,

सपनों में खोया करते थे।

परियों की कहानी होती थी,

वो राजा रानी होती थी।

अब वो सब कुछ न होता है,

रातों को रोया करते हैं।

सपने ना हमको आते हैं,

ख़्यालों में खोया करते हैं।

दिल भी अब रोया करता है,

यादों में सोया करता है।

दिल बचपन में ही अच्छा था,

जीने के लिए धड़कता था।

अब तो दिन काटा जाता है,

दिल को भी बांटा जाता है।

छोटे थे कितना अच्छा था,

बचपन का दिन ही सच्चा था,

दिल सचमुच का एक बच्चा था।।


यादों में किसी को रुलाया नहीं जाता,

यूँ प्यार सिखा का सताया नहीं जाता।

दिल, जज्बात कोई खेलने की चीज़ नहीं है,

उसे खेल समझकर खिलाया नहीं जाता।

प्यार करो तो दिल से निभाया करो यारों,

मतलब से किसी से प्यार जताया नहीं जाता।।



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