Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Neerja Sinha

Others

3  

Neerja Sinha

Others

माँ, मैं तुझे पुकारूँगी

माँ, मैं तुझे पुकारूँगी

1 min
6.9K


मेरी बंद आँखों पर तेरी उँगलियों का स्पर्श 
तेरी बाहों का पलना, तेरे घुटनों का फर्श।
मेरी एक करवट पर, तेरा घबड़ा कर जागना 
रोटी का वो निवाला लिए, मेरे पीछे पीछे भागना।
मेरी निशब्द बातें, मेरे इशारों को समझना,
डाल कर मुझे अपने ज़हन में ,दुनिया भुला मुझमे उलझना।
अपनी ही नज़र लगा कर मुझको, चेहरे पे काला टीका लगाना ,
एककटक देखते अपनी परछाईं, तेरी आँखों से फिर आँसूं गिर जाना।
अपने माथे की शिकन में, मेरे अश्कों को समा लेना ।
मेरे गाल के गढ्ढे में, अपनी हँसी छुपा लेना।
सोचती हूँ  मैं किस तरह ममता का क़र्ज़ उतारूंगी,
जीवन का अर्थ समझते ही, माँ, मैं तझे पुकारूंगी ;

पर ये क्या? मैंने माँ जो पुकारा, आँसुओं ने तुझे हरा दिया 
फिर अपने सीने से मुझे  लगाकर, तूने  कितना क़र्ज़ बढ़ा दिया।
   
न सोच! मैं भूल चुकी तेरे सपनों की चादर, 
तेरे नर्म हाथों से जो ओढ़ा करती थी ।
है याद मुझे उन गीतों की मिश्री, 
मुझसे बंधी उम्मीदें जिनमें तू बयाँ करती थी ।
उसी चादर से तो  हर रात मैं अपनी पलकें ढकती हूँ
तेरे गीतों की मिठास, जीवन दौड़ में, हर कदम पे  चखती हूँ।

आज फिर एक बार सोच लिया, कैसे ममता का क़र्ज़ उतारूंगी 
कामयाबी के शिखर पर पहुँच कर, माँ, मैं तुझे ही पुकारूँगी।


Rate this content
Log in