मेरा ख्याल
मेरा ख्याल
मेरा ख्याल भी
तुमको बैचैन करता होगा
और तुमने तकिया
सिराहने से सरकाया होगा।
अंजुमन में बैठकर यूँ ही
तुमने चाँद को निहारा होगा
मेरी यादों के सिवा
और कोई सामान न उठाया होगा।
रात भर तुमने करवटे बदली होगी
आँखों को पलभर भी न झपकाया होगा
मुन्तज़िर बन गए तुम अब तो
अब कोई काम न याद आया होगा।
ये प्यार भी एक हादसा हो गया
अब कोई ज़ख्म न याद आया होगा
तेरे शहर मे भटकी थी मैं यूँ ही
तब मेरा दर्द न दिखाई दिया होगा।
आज तुम पूछ रहे हो पता मेरा
शायद मेरा प्यार तुम्हे लाया होगा
हर तरफ जल उठे चराग़ अब तो
तेरे दिल मे कही अंधेरा गहराया होगा।
कब समझी थी कीमत मेरी तुमने
आज तुम्हें मेरा मोल समझ आया होगा।