तुम मुर्दा हो
तुम मुर्दा हो
अगर तुम्हारे जीने का कोई मकसद नहीं, तो तुम मुर्दा हो
अगर तुम्हारे भीतर किसी के लिए संवेदना नहीं
तो तुम मुर्दा हो
अगर इंद्रधनुष देखकर तुम कभी नहीं झूमे
कोई कौतूहल नहीं उठा तुम्हारे मन में
तो तुम मुर्दा हो
पैसे से बढ़कर यदि तुम्हें जीवन का अर्थ समझ में नहीं आया
तो तुम मुर्दा हो
किसी के लिए तुम्हारा मन ईश्वर के आगे नहीं झुका
तो तुम मुर्दा हो
तुमको अपने स्वार्थ के आगे कुछ नहीं नज़र आया
तो तुम मुर्दा हो
अपनी ग़लतियों को गर तुमने हमेशा किसी कारण का जामा पहना दिया
या मानने से इंकार कर दिया
तो तुम मुर्दा हो
एक छोटे से बच्चे में यदि तुम्हें ख़ुदा नज़र नहीं आया
तो तुम मुर्दा हो
वो जो चंद सांसें अब भी हैं तुम्हारे अंदर
उसको अर्थवान बनाओ
किसी डूबते के लिए तिनका बन जाओ
अपने मुर्दा शरीर को मुक्ति दे जाओ...