हम दोनों सलामत रहें
हम दोनों सलामत रहें
हम दोनों सलामत रहें
अरमान रखो तो आंसू निकलते हैं
पाँव बार-बार फिसलते हैं
मरने को जी करता है
हर चीज़ से मन डरता है।
नहीं रहती सच्ची वफ़ा
जब किसी को आप करते हो दफा
जिंदगी से जब बहार फेंक देते हो
और उसके अरमान रौंद देते हो।
मन का कहा जरूर करो
पर अपने खयालात पर विश्वास जरूर करो
वो ही आपके काम आते हैं
बाकी सब छोड़ जाते हैं।
फासले आये ही क्यों ?
जब दिल एक हो मंज़िल एक हो
दिल तड़पता हो प्यार में और बार-बार यही कहता हो
"हम तो तेरे हो चुके" अब तो जीना-मरना यही हो।
बंदगी मे बस एक ही दुआ मांगो
जिंदगी का बसर चाहे जितना कठिन हो
किश्ती में सवार हम दोनों सलामत रहें
हम दोनों का प्यार जीवित और अनामत रहे।