Mahendrabhai Pandya
Drama Romance
क्या हूर - सा नूर !
क्या अंग - अंग अमिरात !
तू आग - सी
लिपट गई
फिर हुई बरसात...।
कविता
भरते उड़ाने, झुमके, जीने की कला सिखाते हैं भरते उड़ाने, झुमके, जीने की कला सिखाते हैं
उसके और उसके मम्मी पापा की क्या गलती थी, जिसकी सज़ा वो भुगत रहा था। उसके और उसके मम्मी पापा की क्या गलती थी, जिसकी सज़ा वो भुगत रहा था।
क्यूंकि मेरी जीने की तमन्ना बड़ी लंबी है अभी। क्यूंकि मेरी जीने की तमन्ना बड़ी लंबी है अभी।
मैं माँ, बहन, बेटी, बहू बनकर भी, एक नई परिभाषा अपनी लिख सकती हूँ। मैं माँ, बहन, बेटी, बहू बनकर भी, एक नई परिभाषा अपनी लिख सकती हूँ।
हमें इल्म है दूरी हमारे दरमियान बर्दाश्त नहीं आपसे। हमें इल्म है दूरी हमारे दरमियान बर्दाश्त नहीं आपसे।
कष्ट सदा हरता रहूंगा दीपक हूं मैं जलता रहूंगा। कष्ट सदा हरता रहूंगा दीपक हूं मैं जलता रहूंगा।
अपना बेटा करें तरक्की यही हर मां की ख्वाहीश होती है। अपना बेटा करें तरक्की यही हर मां की ख्वाहीश होती है।
निज की बना मजाक, अन्य को कठिन हँसाना। निज की बना मजाक, अन्य को कठिन हँसाना।
वादा किया है हमने खुद से दिल आपके नाम हो। वादा किया है हमने खुद से दिल आपके नाम हो।
इस युद्ध से लड़ने वाले वो सब कर्मवीर होंगे। इस युद्ध से लड़ने वाले वो सब कर्मवीर होंगे।
विकास की आज भी घोंघे सी चाल है पता नहीं देश का कैसा हाल है ! विकास की आज भी घोंघे सी चाल है पता नहीं देश का कैसा हाल है !
प्यार के धागों से दोनों रिश्तों की माला सजाते और रिश्तों की पहेली में खुद भी खो जाते। प्यार के धागों से दोनों रिश्तों की माला सजाते और रिश्तों की पहेली में खुद भी...
चैटिंग के हैं दोनों माध्यम हैं ये नेटवर्किंग के जरिये। चैटिंग के हैं दोनों माध्यम हैं ये नेटवर्किंग के जरिये।
हिम्मत को संभालती है, इसी को देख आगे बढ़ता जाता हूँ। हिम्मत को संभालती है, इसी को देख आगे बढ़ता जाता हूँ।
संतोषी आदमी की भूख चींटी से छोटी होती है। संतोषी आदमी की भूख चींटी से छोटी होती है।
सबकुछ देखते हुए समझते हुए भी धृतराष्ट्र और गाँधारी। सबकुछ देखते हुए समझते हुए भी धृतराष्ट्र और गाँधारी।
इतनी दुआ के साथ एक मां करती है तेरे चरण स्पर्श। इतनी दुआ के साथ एक मां करती है तेरे चरण स्पर्श।
पैसे देख माँ मुस्कुरायी, और उनकी आंख भर आयी। पैसे देख माँ मुस्कुरायी, और उनकी आंख भर आयी।
पावन अवनि पर सभी सुखी रहे। पृथ्वी की बस यही कामना। पावन अवनि पर सभी सुखी रहे। पृथ्वी की बस यही कामना।
ये "फील" और बच्चा कहीं खोया हुआ है। ये "फील" और बच्चा कहीं खोया हुआ है।