अधूरे नग़मे
अधूरे नग़मे
शायद तुम कुछ भूल आए हो
वादा कर के लौट नहीं पाए हो
हसीन लम्हों के सहारे
माज़ी के उस चौराहे पर
धड़कन साथ ले आए जिसकी
उसकी वफ़ा भूल आए हो।
शायद तुम कुछ भूल आए हो
वादा कर के लौट नहीं पाए हो
हसीन लम्हों के सहारे
माज़ी के उस चौराहे पर
धड़कन साथ ले आए जिसकी
उसकी वफ़ा भूल आए हो।