पाषाण
पाषाण
ये पाषाण है,
गहरा नाता है इंसान से।
पाषाण की शरण मे निवास,
पाषाण से शिकार,
और पाषाण से आग जलाना।
सभ्यता की शुरुआत से अब तक
पाषाण से सीखा नहीं हमने !
अडिग रहना अपने कर्तव्य के लिए
अपने संकल्प के लिए,
अपने सपनो के लिए,
स्थिर रही रख पाए अपने मन को।
और हृदय कर लिया पाषाण का,
निष्ठुर हो गए मानवता के लिए।