एक लड़की ....
एक लड़की ....
एक लड़की है, बड़ी प्यारी सी, बातों में मिश्री घोला करती है
हंसी उसकी न्यारी सी, हंसी में सबका दिल जीता करती है
एक लड़की है बड़ी प्यारी सी .......
है उसका भाई एक, वो उससे लड़ती रहती है
पर अपने मन की सारी बातें उसी से वो कहती है
लड़ती भी है उससे वो और सरे जग से उसके लिए ही लड़ती है
एक लड़की है बड़ी प्यारी सी ....
अपने पिता का गुरूर है वो, नाम उनका हमेशा ऊपर रखती है
घर की इज्ज़त का है उसे सबसे ज्यादा ख्याल, मर्यादा का चित्रण वो करती है
एक लड़की है वो प्यारी सी .....
प्यार भी है उसको किसी से उसके सुख दुःख का ख्याल वो करती है
अपनी तकलीफ को भुला वो अपने प्यार का ख्याल करती है
एक लड़की है वो प्यारी सी ......
जब बन जाती है वो माँ, बलिदान की मूरत बन जाती है
सह कर साड़ी पीड़ा वो खुशियों की वजह बन जाती है
एक लड़की है वो प्यारी सी ....
नहीं है वो किसी काम में पीछे, हर क्षेत्र में अव्वल आती है
पर फिर भी मन में न कोई घृणा, आदर का प्रतीक बन जाती है
एक लड़की है वो प्यारी सी ......
सर्वगुण सम्पन्न है वो, फिर भी कभी न इसे जताती है
वो तो बस प्रेम है करती और हंसी ही देती जाती है
एक लड़की है वो प्यारी सी .................