मानवीयता तो बस इसी का नाम है
मानवीयता तो बस इसी का नाम है
करें हम सभी से सदा अपने जैसा प्यार,
वापसी में मिलेगा वैसा सबसे बार-बार।
सभी के वास्ते सदा आप तो बस,
हरदम ही पूरा रहिए तैयार,
मानवीयता तो बस इसी का नाम है।
करें हम सभी से सदा अपने जैसा प्यार,
वापसी में मिलेगा वैसा सबसे बार-बार।
सभी के वास्ते सदा आप तो बस
हरदम ही पूरा रहिए तैयार,
मानवीयता तो बस इसी का नाम है।
आज के व्यस्त से इस जहां में ,
सबको हरपल बड़े ही काम हैं।
हमें तो मरने तक की फुरसत नहीं है,
एक पल की भी हमें न कुछ आराम है।
ढंग से न जी सकें तो, किस काम की ज़िंदगी,
किसी काम न आए तो ,बस नाम की ज़िंदगी।
ज़िंदादिली रहित है ,तो ज़िन्दगी इसका क्यों नाम है ?
मानवीयता तो बस इसी का नाम है।
करें हम सभी से सदा अपने जैसा प्यार,
वापसी में मिलेगा वैसा सबसे बार-बार।
सभी के वास्ते आप तो बस,
हरदम ही पूरा रहिए तैयार,
मानवीयता तो बस इसी का नाम है।
नफ़रत तो खुद के लिए कभी जरा सी,
नहीं पसंदीदा चीज़ हरगिज़ है होती।
दूसरों को देकर अश्क खूं के भी कैसे ?
मिल पाएंगे हमको कभी खुशियों के मोती।
जो सबको अपना बना ना सके तो,
जग में हमारा होने का क्या ही काम है ?
करें हम सभी से सदा अपने जैसा प्यार,
वापसी में मिलेगा वैसा सबसे बार-बार।
सभी के वास्ते आप तो बस,
हरदम ही पूरा रहिए तैयार,
मानवीयता तो बस इसी का नाम है।
ग़म न दीजै कभी किसी को जगत में,
इस जहां में यह तो सबसे बुरा काम है।
पुण्य प्यार देकर के खुशियां लुटाना,
ग़म देकर हमें होना नहीं बदनाम है।
जग में आना सुनहरी सुबह है तो,
जग से जाना फिर क्यों ग़मग़ीन नाम है ?
करें हम सभी से सदा अपने जैसा प्यार,
वापसी में मिलेगा वैसा सबसे बार-बार।
सभी के वास्ते आप तो बस,
हरदम ही पूरा रहिए तैयार,
मानवीयता तो बस इसी का नाम है।
करें हम सभी से सदा अपने जैसा प्यार,
वापसी में मिलेगा वैसा सबसे बार-बार।
सभी के वास्ते आप तो बस,
हरदम ही पूरा रहिए तैयार,
मानवीयता तो बस इसी का नाम है।
फिल्म: अनाड़ी
गीत/धुन: किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार।