कीमत भारत माँ की
कीमत भारत माँ की
कीमत भारत माँ की ज्यादा हैं मेरे सर के आगे
जानता हूँ, हमेशा जीत ही होती हैं डर के आगे।
हमारे अपनों ने ही तोड़ दिये हमसे दिल के सारे रिश्ते
क्यूँ जाऊँ मैं मेरे मतलबी अपनों के घर के आगे।
माँ के चरणों में सर झुकाकर पा लिया मैंने आशिष
बढूँगा मैं अपने मुकाम पर अब जी भर के आगे।
क्या खुश्बू, क्या बहारें, क्या नजारे फिके हैं सब
निछावर जान कर दी मैंने, मिट्टी की कसम के आगे।
हमेशा रहना है मुझे तेरे साथ ही, खुशी से तेरे मन में
क्या अगला जन्म होता है, इस जन्म में मर के आगे।।