मैं नहीं हूँ
मैं नहीं हूँ
ये मेरा यत्न
फिजूल है
बेबुनियाद है।
मेरे अपने को
मेरे जहाँ को
आतिशों की नहीं
दीये की जरुरत है।
ये दिवाली
चश्मदीद गवाह है
मेरी नाकामियों की।
ये सत्य तुम भी जानते हो
तुम्हें अंधेरों से
बचाने वाला दीया
मैं नहीं हूँ।।
ये मेरा यत्न
फिजूल है
बेबुनियाद है।
मेरे अपने को
मेरे जहाँ को
आतिशों की नहीं
दीये की जरुरत है।
ये दिवाली
चश्मदीद गवाह है
मेरी नाकामियों की।
ये सत्य तुम भी जानते हो
तुम्हें अंधेरों से
बचाने वाला दीया
मैं नहीं हूँ।।