Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Udbhrant Sharma

Others

4  

Udbhrant Sharma

Others

चिकना घड़ा

चिकना घड़ा

1 min
13.5K


 

क्या पशु-पक्षी और जलचर,

समझने के लिऐ 

अपने और अन्यों के मनोभाव,

किसी कूटभाषा का

करते हैं प्रयोग?

क्या अपनी

कूटभाषाओं के लिऐ 

वे करते हैं तैयार

अपने शब्दकोष?

और क्या उन्हें ज़रूरत है

सचमुच उसकी?

मनोभावों को

पहचानने के लिऐ 

धड़कन-स्पन्दन के लिऐ 

चुम्बकीय दृष्टि

क्या नहीं काफ़ी?

शायद हाँ...

क्योंकि प्रकृति से प्रदत्त

अपने गुणों का प्रयोग करते हुऐ 

गहन अध्ययन वे भी करते हैं

मानव-व्यवहार का!

इसके लिऐ   उनको भी शब्दकोश चाहिए

अपनी भाषाओं के!

कल्पना रुचिकर होगी

मानव उनकी दृष्टि में किस

पायदान पर होगा?

मानव को वे सराहते होंगे

या उसके लिऐ करते होंगे वे

गालियाँ ईजाद अपने मन में

अपने शब्दकोषों की मदद से?

इन पशुओं-पक्षियों और जलचरों की

गालियाँ अगर होंगी मानव के लिऐ 

वे कैसी होंगी?

कवि का उत्तर सटीक:

उनके शब्दकोषों में केवल एक गाली होगी

और वही होगी सबसे बड़ी!

सबसे अश्लील भी!

अब ये है बात अलग

कि अपनी माँ जैसी मिट्टी को

जल से गूँथ, आग में तपाकर

हवा और आकाश की मदद से

सृष्टि के सबसे निकृष्ट जीव ने

अपनी सुरक्षा-हित निर्मित कर लिया था

एक चिकना घड़ा!

 

 


Rate this content
Log in