बचपन की खूबसूरत यादें
बचपन की खूबसूरत यादें
बचपन की वो नादानियां
मुझे बहुत याद आती हैं...
वो दोस्तों के साथ खेलना ...
लड़ना फिर मनाना ..
कागज की नाव बनाकर ...
बारिश के पानी में तैराना।
बेफिक्र होकर मोहल्लों में घूमना ...
हाथों में हाथ डाल खिलखिलाना।
स्कूल की किताबें, वो छुट्टी की घंटी ...
घर लौटकर, माँ के गले लग जाना।
किसी के आने जाने का कोई फर्क नहीं ..
अपनी ही शरारत पर बेवजह हँसते जाना।
मिट्टी में खेलना...पेड़ों पर चढ़ना ...
टूटे खिलौनों से भी प्यार हो जाना।
वह बचपन की खूबसूरत डगर...
ना कुछ पाने की आशा ना खोने का डर।
बचपन की वो नादानियां मुझे बहुत याद आती हैं...।